Monday, July 7, 2025

Pakistan Pleads भारत ने रद्द की सिंधु जल संधि, पाकिस्तान ने भेजे 4 पत्र

27 दृश्य
Pakistan Pleads

Pakistan Pleads भीषण संकट से घबराए पाकिस्तान ने भारत को लिखे एक के बाद एक 4 पत्र, जानिए क्या लगाई गुहार

भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर से गहराया तनाव

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्तों में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को रद्द करने का ऐलान कर दिया। यह संधि दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर की गई थी।

Latest And Breaking News On Ndtv

भारत के इस कड़े फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान सरकार ने भारत को लगातार चार पत्र लिखे हैं, जिसमें भारत से गुहार लगाई गई है कि वह सिंधु जल संधि को बहाल करे। लेकिन भारत ने इन अपीलों को सख्ती से खारिज कर दिया है।


भारत की दो टूक– “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के दोहरे रवैये को और सहन नहीं करेगा। भारतीय सरकार का कहना है कि “ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं चल सकते, और खून तथा पानी एक साथ नहीं बह सकते।”

यह बात भारत ने उन सभी पत्रों के जवाब में कही है जो पाकिस्तान ने हाल ही में भारत को भेजे थे। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि की शर्तों का कई बार उल्लंघन किया है और सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, जो संधि की मूल भावना के खिलाफ है।


पाकिस्तान में जल संकट की आशंका, रबी की फसल पर पड़ेगा प्रभाव

Latest And Breaking News On Ndtv

सूत्रों के अनुसार, यदि भारत सिंधु जल संधि को बहाल नहीं करता है, तो पाकिस्तान को आने वाले दिनों में भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। खासकर, रबी की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

इसके अलावा, पीने के पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है, जिससे आम जनजीवन पर भी असर पड़ेगा। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि खरीफ की फसल पर इसका उतना असर नहीं होगा।


भारत की तैयारी: सिंधु जल का अपना हिस्सा उपयोग में लाएगा भारत

भारत सरकार अब अपने जल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। इस योजना के अंतर्गत ब्यास नदी का पानी भारत में ही उपयोग करने के लिए एक 130 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी, जिसे गंग नहर से जोड़ा जाएगा।

इस परियोजना में 12 किलोमीटर लंबी सुरंग का भी निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा, एक वैकल्पिक योजना के तहत इसे यमुना से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है, जिससे नहर की लंबाई बढ़कर 200 किलोमीटर हो सकती है।

इस योजना से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में बड़ा फायदा मिलने की संभावना है।


Pak संग युद्धविराम, लेकिन सिंधु जल संधि पर रोक रहेगी बरकरार - Ceasefire  With Pakistan But Ban On Indus Water Treaty Will Remain In Place Lclcn -  Aajtak

विश्व स्तर पर भारत की स्थिति स्पष्ट

हाल ही में विदेशों की यात्रा पर गए भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष कई देशों ने सिंधु जल संधि को लेकर सवाल उठाए। पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर विश्व जनमत तैयार करने की कोशिश कर रहा था।

हालांकि भारतीय प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यह संधि “गुड फेथ और फ्रेंडशिप” के आधार पर की गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देकर इसे तोड़ा है। विश्व बैंक ने भी इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।


सिंधु जल संधि: इतिहास और वर्तमान

'पाकिस्तान ने खुद ही किया सिंधु जल समझौते का उल्लंघन', भारत ने  अंतरराष्ट्रीय मंच पर खोली Pak की पोल - Indus Water Treaty Suspended  Pakistans Reaction And Indias Stance

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में यह संधि हुई थी। इसके तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का अधिकतर पानी पाकिस्तान को और सतलुज, ब्यास और रावी का पानी भारत को दिया गया था।

इस संधि को अब तक दोनों देशों ने तीन युद्धों के बाद भी जारी रखा था। लेकिन अब भारत का मानना है कि 21वीं सदी की जरूरतों, बदलते जलवायु और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस संधि का पुनर्मूल्यांकन (Renegotiation) जरूरी हो गया है।


भारत का अगला कदम: अपने हिस्से का पानी लेगा भारत

सिंधु जल समझौता रद्द, अटारी बॉर्डर बंद..भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ लिए 5  कड़े फैसले - Indus Water Treaty Cancelled, Attari Border Closed... India  Took 5 Tough Decisions Against Pakistan -

भारत का कहना है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय नियम का उल्लंघन नहीं करेगा। भारत उन नदियों पर नियंत्रण नहीं चाहता जो पाकिस्तान को मिलती हैं, बल्कि वह केवल अपने हिस्से का पानी, जो अब तक पाकिस्तान को मिलता रहा है, उसे अब खुद के उपयोग में लाएगा।

यह निर्णय पूरी तरह वैध और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान बार-बार शांति प्रक्रिया को तोड़कर आतंकवाद को संरक्षण देता है, ऐसे में ऐसी उदार संधियों का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता।


पाकिस्तान की रणनीति: संधि रद्द न हो, इसलिए कर रहा पत्राचार

पाकिस्तान जानता है कि यदि भारत ने सिंधु जल संधि पर अमल रोक दिया तो आर्थिक और सामाजिक संकट और गहरा जाएगा। इसलिए वह भारत को लगातार पत्र लिखकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

लेकिन भारत सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि अब सिर्फ उन्हीं फैसलों को आगे बढ़ाया जाएगा, जो देशहित में होंगे।

यह भी पढ़ें:

Bhartiya TV के साथ पढ़ें हिंदी न्यूज़: हिंदी समाचार, Today Hindi News, Latest Breaking News in Hindi – Bhartiyatv.com

You may also like

Leave a Comment

© 2024 Bhartiya Tv. All Rights Reserved. 

Designed and Developed by BRANDBUDDY

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.