PM Modi के ‘गोली का जवाब गोले से’ वाले बयान से क्यों घबरा गया पाकिस्तान? बिलावल भुट्टो की बदली चाल और डोज़ियर की चालाकी

नई दिल्ली / न्यूयॉर्क:
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद पर की गई सख्त टिप्पणी “अगर तुम गोली चलाओगे तो जवाब गोले से मिलेगा” ने पाकिस्तान में सियासी हलचल मचा दी है। इसका असर अब स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की राजनीति और कूटनीति में देखा जा सकता है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गुहार लगा रहे हैं, जबकि पहले वही भारत को ‘सिंधु पर खून बहाने’ की धमकी देते थे।
ऑपरेशन सिंदूर बना पाकिस्तान की बेचैनी की वजह
हाल ही में भारत द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” ने पाकिस्तान की सैन्य ताकत और आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत ने आतंकियों के खिलाफ यह गुप्त अभियान पाकिस्तानी सीमा के अंदर चलाया और कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया। पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन को सार्वजनिक करते हुए कहा कि अब भारत आतंक पर ‘सॉफ्ट स्टेट’ नहीं रहा और गोली की भाषा समझने वालों को उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।
बिलावल भुट्टो की पलटी गई ज़ुबान, अमेरिका में बाँट रहे डोज़ियर

बिलावल भुट्टो, जो कभी भारत को खुलेआम धमकाते थे, अब न्यूयॉर्क पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों के प्रतिनिधियों को एक नया डोज़ियर सौंपा है, जिसमें भारत पर आरोप लगाया गया है कि उसने पाकिस्तान में रिहायशी और सिविल ठिकानों को निशाना बनाया है।
लेकिन इस डोज़ियर की रणनीति में भी चालाकी साफ दिखाई देती है। इसमें भारत द्वारा 11 एयरबेस, 9 आतंकी ठिकाने और कुल 28 स्थानों पर हमले की बात कही गई है, लेकिन साथ ही उन ठिकानों को रिहायशी क्षेत्र बताकर भावनात्मक सहानुभूति बटोरने की कोशिश भी की गई है।
बिलावल का कबूलनामा: पाकिस्तान ने मांगी थी सीज़फायर

सबसे बड़ी बात यह है कि बिलावल ने खुद स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने भारत से सीज़फायर की मांग की थी। इससे यह साफ हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को अंदर तक हिला दिया है और अब वह डर के मारे शांति की बात कर रहा है। साथ ही, पाकिस्तान पर यह आरोप भी लग रहा है कि वह न्यूक्लियर धमकियों के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को डराने और भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
किन-किन इलाकों में भारत ने हमला किया, जानिए डोज़ियर के अनुसार
बिलावल द्वारा दिए गए डोज़ियर में भारत द्वारा हमले किए गए निम्नलिखित पाकिस्तानी शहरों का उल्लेख किया गया है:
- मंडी बहाउद्दीन
- खैरियां
- रावलपिंडी
- लाहौर
- झंग
- स्यालकोट
- शेख़ूपुरा
- बहावलनगर
- रहीमयार ख़ान
- पेशावर
- कराची
- सक्खर
- चकवाल
- गुजरात
- अटक
- सरगोधा
- जकोबाबाद
- मियांवाली
- छोर
- बहावलपुर
- गुजरांवाला
- हैदराबाद
- मानों
- मुज़फ़्फराबाद
- रावलाकोट
- कोटली
- भीमबर
इनमें से कई इलाके भारत द्वारा पहले आतंकवादियों के गढ़ के तौर पर चिन्हित किए जा चुके हैं।
पीएम मोदी का सख्त संदेश: अब आतंक की कोई माफी नहीं
पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी तरह की “सॉफ्ट डिप्लोमेसी” नहीं अपनाएगा। उन्होंने कहा:
“भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से कह रहा हूँ – अगर तुम गोली चलाओगे, तो जवाब गोले से मिलेगा।”
उन्होंने ये भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और इसमें आतंकवादियों और उनके मददगारों को निशाना बनाया जा रहा है। इस अभियान को अब तक सबसे सफल सैन्य कार्रवाई करार दिया गया है।
पाकिस्तान की दोहरी नीति: धमकी और विनती साथ-साथ
पाकिस्तान एक तरफ भारत को न्यूक्लियर युद्ध की धमकी देता है और दूसरी तरफ सीज़फायर की अपील करता है। यह उसकी सामरिक और कूटनीतिक कमजोरी को दर्शाता है। जानकारों का मानना है कि भारत के जवाबी हमले ने पाकिस्तान को यह दिखा दिया है कि अब “बर्दाश्त की सीमा पार हो चुकी है”।
भारत की अंतरराष्ट्रीय रणनीति और अमेरिका की चुप्पी
अभी तक अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस मुद्दे पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि भारत का स्पष्ट स्टैंड और सटीक कार्रवाई दुनिया के लिए आतंक के खिलाफ एक मिसाल बन सकती है। अमेरिका भी पाकिस्तान की दोहरी नीति को अच्छी तरह समझता है।
विशेषज्ञों की राय: क्या पाकिस्तान झुक रहा है?
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. अनिल त्रिपाठी कहते हैं:
“पाकिस्तान की रणनीति हमेशा दोहरी रही है, लेकिन पहली बार भारत ने इतनी तीव्रता से जवाब दिया है कि अब पाकिस्तान की कूटनीति खुद ही पस्त हो रही है। बिलावल भुट्टो का यूएन जाकर रोना, इसी डर की निशानी है।”
भारत की कूटनीतिक बढ़त
इस पूरे घटनाक्रम में भारत ने सैन्य, कूटनीतिक और राजनीतिक तीनों स्तरों पर पाकिस्तान को मात दी है।
- सैन्य रूप से ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को रणनीतिक झटका दिया।
- कूटनीतिक रूप से डोज़ियर की चालाकियों को उजागर करके पाकिस्तान की छवि धूमिल की।
- राजनीतिक रूप से पीएम मोदी का सख्त स्टैंड जनता के बीच लोकप्रिय हो रहा है।
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