Monday, July 7, 2025

PM मोदी की जिनपिंग से बातचीत:सीमा पर शांति और सम्मान हमारे संबंधों की नींव

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जिनपिंग से मिलकर बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 5 साल बाद कजान में द्विपक्षीय बातचीत हुई। यह मुलाकात रूस के कजान शहर में चल रहे 16वें BRICS समिट के दौरान हुई, जहां दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति और आपसी भरोसे की आवश्यकता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा, “LAC पर शांति और स्थिरता हमारी प्राथमिकता है। मुझे विश्वास है कि हम आगे भी खुले मन से चर्चा करेंगे और हमारी बातचीत कंस्ट्रक्टिव होगी।” इस बैठक में मोदी ने अपने पिछले अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बातचीत का यह नया दौर दोनों देशों के बीच बेहतर समझ बनाने में सहायक होगा, जिससे न केवल द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।

मतभेदों को सही तरीके से संभालने की आवश्यकता

बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने पिछले चार वर्षों में सीमा पर उत्पन्न समस्याओं को लेकर सहमति की बात की और कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन को आपसी मतभेदों को सही तरीके से संभालना चाहिए और समस्या समाधान के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। जिनपिंग ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि केवल संवाद और सहयोग के माध्यम से ही दोनों देश अपने विकास लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। इस प्रकार की आपसी समझ और सहयोग से दोनों देशों के बीच व्यापार और विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर मिलेगा।

गलवान झड़प के बाद पहली द्विपक्षीय मुलाकात

यह पहली बार है जब दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई है, जो 2019 के बाद से हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, विशेषकर 2020 में गलवान झड़प के बाद। इस झड़प के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, लेकिन अब यह मुलाकात दर्शाती है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में, पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच स्थिरता और शांति के लिए प्रतिबद्धता जताई, जो इस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पीएम मोदी का संदेश और साझा तस्वीरें

मुलाकात के बाद, पीएम मोदी ने X प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “भारत और चीन के बीच अच्छे संबंधों का महत्व है। आपसी भरोसा और सम्मान हमारे द्विपक्षीय संबंधों की नींव है।” इस तरह के साझा विचार और सकारात्मक संवाद केवल राजनीतिक संबंधों को ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच भी बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद करेंगे। इससे न केवल दोतरफा लाभ होगा, बल्कि दोनों देशों की स्थिरता और सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने भी पुष्टि की कि इस बैठक के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग समझौते का स्वागत किया गया। भारत और चीन ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए कई दौर की बातचीत की है, जिससे सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। इस बातचीत से पहले, दोनों देशों ने कई मुद्दों पर सहमति बनाई थी, जो भविष्य में दोनों पक्षों के लिए सहायक सिद्ध हो सकती हैं।

भविष्य की दिशा में कदम

इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद, दोनों देशों के बीच शांति और आपसी समझ बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। यह न केवल भारत-चीन संबंधों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। दोनों देशों को चाहिए कि वे संवाद को जारी रखें और साथ मिलकर वैश्विक मुद्दों का सामना करें, ताकि एक स्थिर और समृद्ध भविष्य का निर्माण किया जा सके।

Source – ANI

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