इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में पुष्टि की कि उन्होंने हिज्बुल्लाह के लड़ाकों पर लेबनान में पेजर हमलों की अनुमति दी थी। इन हमलों में, जो कि इस साल सितंबर में हुए थे, लगभग 40 लोग मारे गए और करीब 3,000 हिज्बुल्लाह समर्थित लड़ाके गंभीर रूप से घायल हो गए थे। नेतन्याहू के प्रवक्ता ओमर दोस्तरी ने बताया कि इजरायली प्रधानमंत्री ने रविवार को इस ऑपरेशन को हरी झंडी देने की बात स्वीकार की। इन हमलों के बाद से लेबनान और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ गया है, और इसका असर सीमावर्ती क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है।
हिज्बुल्लाह के खिलाफ पेजर हमलों में सैकड़ों की मौत, हजारों घायल
सितंबर में लगातार दो दिनों तक चले इन पेजर हमलों में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों को खास तौर पर निशाना बनाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इन लड़ाकों के पास मौजूद हजारों पेजर अचानक से गर्म होकर विस्फोटित हो गए। इन पेजरों का उपयोग हिज्बुल्लाह के लड़ाके इजरायल की ट्रैकिंग से बचने के लिए कम्युनिकेशन के सुरक्षित साधन के रूप में करते थे। लेकिन इजरायली ऑपरेशन के तहत इन पेजरों में ऐसे विस्फोटक लगाए गए, जिन्हें स्कैनर भी नहीं पकड़ सकते थे। हिज्बुल्लाह ने इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
UN में दर्ज कराई गई शिकायत: “मानवता के खिलाफ जघन्य युद्ध अपराध”
इस बड़े हमले के बाद लेबनान ने संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई और इसे “मानवता के खिलाफ भीषण युद्ध अपराध” करार दिया। लेबनान का आरोप है कि इजरायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ एक संगठित और योजनाबद्ध हमला किया, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान भी गई। लेबनान के दूतों ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की मांग की है ताकि ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति न हो और क्षेत्र में शांति बनी रहे। इजरायल द्वारा सीमा पर तनाव बढ़ाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन इस बार का हमला खासतौर से संगठित और घातक था।
पेजरों की सेफ्टी को लेकर हिज्बुल्लाह का था भरोसा, लेकिन फिर हुआ विस्फोट
‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, हिज्बुल्लाह ने अपने लड़ाकों के लिए इन पेजरों का ऑर्डर बड़े पैमाने पर दिया था और इसी साल की शुरुआत में 5,000 से अधिक पेजरों का बैच लेबनान में मंगवाया गया था। धमाके से ठीक कुछ घंटे पहले ही ये पेजर लड़ाकों को बांटे गए थे, और हिज्बुल्लाह इनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त था। हालांकि, इन पेजरों में ऐसा विस्फोटक पदार्थ मौजूद था जिसे स्कैनर से भी डिटेक्ट नहीं किया जा सकता था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अचानक ही पेजर गर्म होने लगे और उनमें विस्फोट होने लगे, जिससे हिज्बुल्लाह के कई लड़ाके मारे गए।
लेबनान-इजरायल सीमा पर तनाव चरम पर, हिज्बुल्लाह को हुआ भारी नुकसान
हमास द्वारा पिछले साल अक्टूबर में इजरायल पर किए गए हमले के बाद से ही गाजा में युद्ध का माहौल है। तब से ही लेबनान और इजरायल के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में झड़पें बढ़ गई हैं। हिज्बुल्लाह के पूर्व प्रमुख हसन नसरल्लाह समेत कई महत्वपूर्ण नेता इस दौरान मारे जा चुके हैं। पिछले महीने इजरायल की सेना ने पुष्टि की थी कि उन्होंने हिज्बुल्लाह के प्रमुख हाशेम सफीद्दीन को भी दक्षिणी बेरूत में एक ऑपरेशन में मार गिराया है। इजरायली सेना द्वारा लगातार किए जा रहे इन हमलों के कारण लेबनान के कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, और वहां के स्थानीय लोग भी इस तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का हिज्बुल्लाह के खिलाफ किए गए पेजर हमलों को मंजूरी देना एक बड़ी बात मानी जा रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। इस हमले के कारण हिज्बुल्लाह को बड़ा नुकसान हुआ है और लेबनान ने इसे लेकर UN में कड़ी शिकायत भी दर्ज कराई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है, और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए भविष्य में कड़ी निगरानी की आवश्यकता होगी।