उन्होंने मर्डर नहीं किया’ – Supreme court की दो टूक टिप्पणी, पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत
Pooja khedkar भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की है, साथ ही यह भी कहा कि “उन्होंने कोई हत्या या मादक पदार्थों से जुड़ा अपराध नहीं किया है।”
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना औरSatish Chandra Sharma की पीठ ने साफ कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जिसमें अग्रिम जमानत उचित है।
वो मर्डरर या आतंकी नहीं हैं’ – court की मानवीय टिप्पणी ने बदला रुख

सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा, “आपको यह देखना होगा कि आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन यह कोई आतंक या हत्या का मामला नहीं है। वह सब कुछ खो चुकी हैं, उन्हें अब कहीं नौकरी नहीं मिलेगी। आप जांच पूरी करें, लेकिन साथ ही इंसाफ का पालन करें।”
जांच में सहयोग नहीं कर रहीं – दिल्ली पुलिस का आरोप
दिल्ली पुलिस के वकील ने खेडकर को अग्रिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहीं। पुलिस का आरोप है कि पूजा खेडकर ने 2022 में UPSC परीक्षा के लिए फर्जी दस्तावेज और झूठी जानकारी दी थी, जिससे उन्हें ओबीसी और दिव्यांग श्रेणी में आरक्षण मिला।
फर्जी पहचान और झूठी जानकारी देने का आरोप
खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने आवेदन में गलत जानकारियां देकर रिजर्व कोटे का अनुचित लाभ उठाया। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है, और UPSC ने भी उनके खिलाफ कई अनुशासनात्मक कार्रवाइयां की हैं।
पूजा खेडकर ने सभी आरोपों को नकारा
पूजा खेडकर ने खुद पर लगे सभी आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगी और न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है।

कोर्ट ने क्या कहा?
“वो न कोई माफिया हैं, न आतंकी। यह मर्डर का केस नहीं है। जब तक सजा नहीं हो जाती, उन्हें अपराधी नहीं कहा जा सकता।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं – सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग कोर्ट के फैसले को न्यायोचित बता रहे हैं, तो कुछ इसे सिस्टम की लचर निगरानी करार दे रहे हैं।
उन्होंने मर्डर नहीं किया है’ : सुप्रीम कोर्ट से पूजा खेडकर को बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा – “वह आतंकवादी नहीं हैं”
नई दिल्ली:
भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी। खेडकर पर UPSC परीक्षा में फर्जीवाड़ा, आरक्षण का गलत लाभ लेने और झूठे दस्तावेज़ों के जरिए भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कोई हत्या या आतंक से जुड़ा मामला नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त लेकिन संवेदनशील टिप्पणी
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा,
“वह मादक पदार्थ माफिया नहीं हैं, आतंकवादी नहीं हैं, उन्होंने 302 (हत्या) जैसा अपराध नहीं किया है। उनके खिलाफ NDPS (नारकोटिक्स) केस नहीं है। ऐसे में उन्हें राहत दी जा सकती है।”
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस दलील को खारिज किया, जिसमें पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और आरोप गंभीर हैं।
क्या हैं आरोप?
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन करते समय OBC और दिव्यांग श्रेणी का झूठा प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। दावा किया गया कि उन्होंने फर्जी मेडिकल और जाति प्रमाणपत्र के आधार पर परीक्षा दी और चयन भी हो गया। लेकिन बाद में जांच में यह बातें सामने आईं कि उनके दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल हैं।
UPSC ने इस आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की और दिल्ली पुलिस ने भी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और अन्य आपराधिक धाराओं में FIR दर्ज की।
कोर्ट ने कहा – “सब कुछ पहले ही खो चुकी हैं”
कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने पहले ही बहुत कुछ खो दिया है, “उनका करियर रुक गया है, उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल रही, वे मानसिक तनाव में हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि खेडकर जांच में सहयोग करें और कोई बाधा न उत्पन्न करें।
समाज में मचा था बवाल
जब मामला सामने आया था, तब सोशल मीडिया और प्रशासनिक हलकों में भारी चर्चा हुई थी। लोग सवाल उठाने लगे थे कि एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी कैसे इतनी बड़ी प्रणाली को चकमा देकर नौकरी तक पहुंच गई। इस केस ने UPSC जैसी संस्थाओं की चयन प्रक्रिया और आरक्षण व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।
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Source-indiatv
Written by -sujal