Rajiv Gandhi की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी भावुक, बोले– “पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरे साथ हैं”
आज है राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि
Rajiv Gandhi 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हुआ यह हमला पूरे देश को झकझोर देने वाला था। आज उनकी 34वीं पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।

राहुल गांधी ने लिखा भावुक पोस्ट, कहा– “पापा के अधूरे सपनों को पूरा करूंगा”
राहुल गांधी ने इस खास मौके पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया है। उन्होंने लिखा:
“पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है – और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।”
राहुल गांधी ने इस पोस्ट के साथ दो तस्वीरें भी साझा की हैं। इनमें एक पुरानी तस्वीर में राजीव गांधी, अपने बेटे राहुल के कंधे पर हाथ रखे हुए दिख रहे हैं। यह तस्वीर न केवल पिता-पुत्र के रिश्ते को दर्शाती है, बल्कि एक सशक्त राजनीतिक विरासत की झलक भी देती है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
प्रधानमंत्री का यह संदेश राजनैतिक भिन्नताओं के बावजूद पूर्व नेताओं के प्रति सम्मान की भावना को दर्शाता है।
खरगे ने बताया ‘भारत का महान सपूत’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी और एक वीडियो साझा किया। उन्होंने राजीव गांधी को एक “महान सपूत” बताते हुए लिखा:
“राजीव गांधी ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के कई कदम उठाए। उन्होंने 18 वर्ष की आयु में मतदान का अधिकार दिलाया, पंचायती राज को सशक्त किया, और भारत को डिजिटल युग की ओर अग्रसर किया।”
खरगे ने आगे उनके अन्य योगदानों जैसे कि आईटी क्रांति, सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान और समावेशी शिक्षा नीति को भी याद किया।

राजीव गांधी के शासनकाल में भारत ने आधुनिकता की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाए। उनके प्रयासों से ही आज भारत तकनीक, शिक्षा और लोकतांत्रिक मजबूती की दिशा में आगे बढ़ा।
- वोटिंग की उम्र 21 से घटाकर 18 करना
- पंचायती राज को मजबूती
- आईटी व टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति
- कंप्यूटरीकरण की शुरुआत
- शिक्षा में नई नीति का निर्माण
- शांति समझौते व वैक्सीनेशन अभियान

राजीव गांधी की विरासत और योगदान
राजीव गांधी की राजनीति में आधुनिक सोच थी उनकी पहचान
राजीव गांधी को भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 40 वर्ष की उम्र में देश की बागडोर संभाली थी। राजीव गांधी ने भारतीय राजनीति में टेक्नोलॉजी, आधुनिकता और युवाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी। वे हमेशा कहते थे कि “भारत को 21वीं सदी के लिए तैयार करना है।” यही कारण था कि उनके समय में कंप्यूटरीकरण, टेलीकॉम सेक्टर में सुधार और शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला। आज भी उनका विजन कई योजनाओं और नीतियों की प्रेरणा बना हुआ है, जिसे देश अब भी महसूस करता है।
आज भी ज़िंदा है राजीव गांधी का विजन
राजीव गांधी का मानना था कि अगर गांव मजबूत होंगे तो देश अपने आप आगे बढ़ेगा। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने के लिए संविधान में संशोधन कर ग्राम प्रधानों और जिला पंचायतों को अधिक अधिकार दिए। वे युवाओं में नई ऊर्जा और विश्वास भरना चाहते थे, इसलिए 18 साल की उम्र में वोट देने का अधिकार दिलाया। उनकी सोच थी कि देश की ताकत इसकी युवा पीढ़ी में है। आज जब हम डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियान देखते हैं, तो उसमें राजीव गांधी की नींव दिखाई देती है। वे एक नेता नहीं, एक युगद्रष्टा थे।
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Source-indiatv
Written by -sujal