हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत: इजराइल के हवाई हमले से मिडिल ईस्ट में गहरा संकट
हिजबुल्लाह ने इजराइल द्वारा किए गए एक हवाई हमले के 20 घंटे बाद अपने प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की है। हिजबुल्लाह ने शनिवार को एक बयान में कहा कि नसरल्लाह की मौत शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे हुई, जब इजराइली सेना ने बेरूत में उनके हेडक्वार्टर पर 80 टन बम गिराए। इस भीषण हमले के परिणामस्वरूप, आस-पास की छह इमारतें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं। रिपोर्टों के अनुसार, नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ वहां मौजूद थे, जिससे इस घटना का प्रभाव और भी गहरा हो गया है। इजराइल के रक्षा बल (IDF) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर यह घोषणा की है कि अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह अब आतंक नहीं फैला पाएंगे।
मिडिल ईस्ट में तनाव की वृद्धि
नसरल्लाह की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इस घटनाक्रम पर तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। सूत्रों के अनुसार, खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ईरान इस संकट को गंभीरता से ले रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से इस हमले की अनुमति दी थी, और अटैक के बाद उनके कार्यालय ने एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश देते नजर आ रहे हैं।
ईरानी जनरल की भी मौत
इस हमले में केवल नसरल्लाह ही नहीं, बल्कि ईरान के पैरामिलिट्री रिवॉल्यूशनरी गार्ड के डिप्टी जनरल अब्बास निलफोरूशान की भी मौत हुई है। अमेरिका ने 2022 में उस पर प्रतिबंध लगाए थे, और वह ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को नियंत्रित करने में एक प्रमुख भूमिका निभा चुके थे। निलफोरूशान की हत्या से ईरान के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो अपनी सशस्त्र ताकत के प्रति अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहा है।
शोक और प्रतिशोध की भावना
बेरूत में नसरल्लाह की मौत की खबर फैलते ही शोक का माहौल बन गया है। स्थानीय महिलाओं ने आंसू बहाते हुए कहा कि उनका नेता चला गया है। एक महिला ने कहा, “वह चला गया। सैयद जा चुके हैं।” वहीं दूसरी महिला ने जज्बात से कहा कि वे नसरल्लाह के मार्ग पर चलते रहेंगे और उनकी मौत व्यर्थ नहीं जाएगी। इस बीच, हमास ने भी नसरल्लाह की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इससे इजराइल के खिलाफ फिलिस्तीन और लेबनान की लड़ाई और तेज होगी।
इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने नसरल्लाह की मौत के बाद देश में तीन दिन के शोक की घोषणा की है, जो इस बात का संकेत है कि नसरल्लाह केवल हिजबुल्लाह के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शिया समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण नेता थे।
हमले के बाद की स्थिति
नसरल्लाह की मौत के बाद, हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल पर 50 रॉकेट दागे हैं। इससे पहले, शुक्रवार रात को इजराइली हमले के बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल पर 65 रॉकेट दागे थे, जिसमें 68 वर्षीय एक महिला घायल हुई थी। इजराइल की सेना ने कहा है कि वे लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं और लेबनान में हिजबुल्लाह के कमांडरों का खात्मा करने में जुटे हैं।
भविष्य की चुनौतियां
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इजराइल के नेताओं को नसरल्लाह की लोकेशन की जानकारी महीनों से थी और उन्होंने हमले की योजना एक हफ्ते पहले ही बना ली थी। इजराइली अधिकारियों को यह चिंता थी कि नसरल्लाह जल्द ही किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो सकते हैं, इसलिए उन्हें उस पर हमला करने का बहुत कम समय मिल रहा था। अब, ईरान ने लेबनान और सीरिया में सैनिकों की तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है। आयतुल्लाह मोहम्मद अखतारी ने कहा है कि ईरान जल्द ही गोलन हाइट्स में सैनिकों को तैनात करने की अनुमति दे सकता है, जिससे यह संकट और भी गहरा हो सकता है।
बहरहाल, लेबनान की सरकार ने सुरक्षा को और मजबूत किया है, लेकिन इस बीच संभावित झड़पों की आशंका बनी हुई है, खासकर शिया और ईसाई समुदायों के बीच। UN एजेंसी ने लेबनान में लोगों को शरण देने के लिए 500 शेल्टर बनाए हैं, क्योंकि बमबारी के बीच साउथ लेबनान में बेघर हुए हजारों लोग सड़कों, कारों और पार्क में सो रहे हैं।
निष्कर्ष
हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत ने मिडिल ईस्ट में एक नया संकट उत्पन्न कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र की राजनीति और सुरक्षा की स्थिति में भारी बदलाव आ सकता है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि शांति और स्थिरता की दिशा में प्रयासों को और तेज करने की आवश्यकता है, नहीं तो भविष्य में स्थिति और भी बिगड़ सकती है।