Trump Ceasefire का एलान, फिर भी टूट गया युद्धविराम जंग की आग में झुलसता रहा इलाका

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि संबंधित पक्षों के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है। लेकिन जमीनी सच्चाई इससे उलट नजर आई। ट्रंप के एलान के कुछ ही घंटों बाद संघर्ष दोबारा शुरू हो गया और कई इलाकों में गोलीबारी, रॉकेट हमलों और हवाई हमलों की खबरें सामने आईं।

युद्धविराम के बावजूद जारी रहा संघर्ष
ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की उम्मीद की एक किरण के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन यह ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, युद्धविराम के एलान के कुछ ही समय बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई। कई इलाकों में बमबारी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें दर्जनों नागरिक घायल हो गए।
लोगों में बढ़ा डर और गुस्सा

स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें ट्रंप के बयान पर भरोसा था कि अब शांति लौटेगी, लेकिन फिर से युद्ध छिड़ने से उनका भरोसा टूट गया है। एक नागरिक ने बताया, “हमने सोचा था अब राहत मिलेगी, लेकिन हर घंटे हालात और खराब हो रहे हैं।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
युद्धविराम टूटने पर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने चिंता जाहिर की है। UN महासचिव ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और तुरंत बातचीत बहाल करने की अपील की है। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि वे जमीनी स्तर पर स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं।

ईरान अमेरिका के सैनिकों के ठिकानों पर हमला करता है और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप सीस फायर का ऐलान करते है जो इस लायक सीस फायर एलान के बाद भी केजा में आज भी नहीं करता क्या वो सीस फायर के लिए तैयार हो जायेगा और किन शर्तों पर हुआ आप सीस फायर का नाम लेते रहे हैंडलाइन पर कब्जा कर रहे हैं और उसी समय में रजा पर हमला और सीस फायर हमला का मजाक भी उड़ा रहा है तो इन बातों को ध्यान मे रखते हुए शांति के नई मास्यिया ट्रंप के सीस फायर के एलन को देखा जाना चाहिए फीला उनके एलन से यह तय करना मुश्किल हो गया है कतर के अमूलदीन अमेरिका के सैनिकों के ठिकानों पर हमला करना या सीस फायर का ट्रंप का एलान करना सब इंतजार कर रहे है
ट्रंप का रुख
ट्रंप ने अपने बयान में स्पष्ट किया था कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दोनों पक्षों से बात की है और युद्धविराम पर सहमति बनवाई है। लेकिन अब जब लड़ाई फिर से शुरू हो गई है, तो उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह कदम केवल एक राजनीतिक स्टंट हो सकता है, खासकर जब वह एक बार फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं।
ईरान ने कतर के दोहा के पास अमेरिका के सैनिकों पर हमला कर दिया तो इसके बाद अमेरीका ईरान पर भयंकर जवाब दिया और फिर ईरान का बचना मुश्किल हो जाएगा लेकिन ट्रंप सीस फायर और युद्ध की भाषा बोलने लग गए ट्रंप के बयान पर संध्या करा जा रहा है
कि भ्रामक है लेकिन उन्होंने ईरान के हमले के बाद ये तो नहीं कहा जब अमरीकी लड़ाकू विमानों का सामना करने के लिए तैयार हैं हो जाओ ये ही कहा कि उसने अपना भड़ास निकाल लिया है