Ukraine Drone Attack ऑपरेशन स्पाइडर वेब यूक्रेन का रूस पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला, 117 UAV से हमला, अरबों की क्षति
a href=”https://whatsapp.com/channel/0029VarmcWp8aKvBpESA1D0K” target=”_blank” style=”text-decoration: none;”>1 जून को यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक ऐसा हमला किया, जो अब तक की सबसे बड़ी एयर स्ट्राइक मानी जा रही है। इस मिशन का नाम था – ऑपरेशन स्पाइडर वेब (Operation Spider’s Web)। यूक्रेन के 117 ड्रोन रूस के चार सैन्य एयरबेस पर कहर बनकर टूटे और रूस की वायुशक्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। इस हमले ने न सिर्फ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेताया बल्कि अमेरिका और यूरोप को भी कई स्पष्ट संदेश दिए हैं।
18 महीने की प्लानिंग और 3 साल की जंग का टर्निंग पॉइंट
यूक्रेन ने इस ऑपरेशन की प्लानिंग पिछले 18 महीनों में की थी। रविवार को जब यह अटैक हुआ, तो रूस को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऑपरेशन में 117 ड्रोन शामिल थे, जो बेहद गुप्त तरीके से रूस में दाखिल हुए। खास बात यह रही कि यूक्रेन के ड्रोन साइबेरिया तक पहुंचे और चार मुख्य एयरबेसों – बेलाया, ओलेन्या, इवानोवो और डायगिलेवो को निशाना बनाया।
अरबों डॉलर के लड़ाकू विमान नष्ट
यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) के अनुसार, इस हमले में 41 रूसी फाइटर जेट्स को या तो नष्ट किया गया या गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा। इन विमानों की अनुमानित कीमत 7 अरब डॉलर से ज्यादा बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में फाइटर जेट्स आग की लपटों और धुएं में लिपटे दिखाई दे रहे हैं।
यूक्रेन का स्पष्ट संदेश: हम अब भी लड़ सकते हैं

यह हमला केवल सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश भी है। यूक्रेन ने 5 स्पष्ट मेसेज दिए:
- हम खत्म नहीं हुए हैं: तीन साल से जारी युद्ध के बावजूद, यूक्रेन की लड़ाई की इच्छा अब भी बरकरार है।
- शांति का विकल्प आत्मसमर्पण नहीं: यूक्रेन अब भी समर्पण को अंतिम उपाय नहीं मानता।
- रूस को भी पहुंच सकता है दर्द: साइबेरिया तक ड्रोन भेजकर यूक्रेन ने साबित किया कि रूस कहीं भी सुरक्षित नहीं।
- पश्चिमी देशों को चेतावनी: केवल हथियार भेजने से काम नहीं चलेगा, अब रणनीतिक समर्थन की आवश्यकता है।
- यह अंतिम नहीं है: यह हमला संकेत है कि यूक्रेन के पास अब भी और रणनीतियाँ बची हैं।
कैसे अंजाम दिया गया ऑपरेशन स्पाइडर वेब?
SBU सूत्रों के अनुसार, कई छोटे ड्रोन तस्करी करके रूस पहुंचाए गए, जहां इन्हें मालवाहक ट्रकों में छुपाया गया था। इन्हें चार अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया गया और वहां से रिमोट लॉन्च किया गया।
यूक्रेन की तरफ से कहा गया, “यह सिर्फ टेक्नोलॉजी का चमत्कार नहीं, यह रणनीति, संयम और साहस का परिणाम है।”
पुतिन की सेना में मची खलबली
रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी इस हमले की पुष्टि की है। उसने कहा कि कई एयरबेसों पर आग लगी, लेकिन किसी के मारे जाने की पुष्टि नहीं की गई है। वहीं, रूसी सेना के समर्थक टेलीग्राम चैनल ‘रयबर’ ने इस हमले को “बहुत भारी झटका” करार दिया है। उसने रूस की खुफिया एजेंसियों की “गंभीर विफलताओं” की ओर इशारा किया।
जेलेंस्की ने बताया “सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन”

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस एयर स्ट्राइक को “शानदार” करार देते हुए कहा कि यह ऑपरेशन यूक्रेन की ओर से अब तक का सबसे लंबी दूरी का हमला था। उन्होंने कहा कि युद्ध के तीन सालों में यह पहला मौका है जब यूक्रेन ने इतनी गहराई तक रूस पर हमला किया है।
शांति वार्ता से पहले बड़ा संदेश
दिलचस्प बात यह है कि इस हमले के ठीक एक दिन बाद इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता होने वाली है। यह हमला इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि अब यूक्रेन के पास मेज पर बैठने के लिए एक मजबूत “बैकहैंड” है। बीबीसी के राजनयिक संवाददाता पॉल एडम्स के अनुसार, यह हमला “डिप्लोमैटिक लेवल पर भी बेहद असरदार साबित हो सकता है।”
क्या यह एक टर्निंग पॉइंट है?
कुछ रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला युद्ध का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। इससे पहले रूस को अपनी ही धरती पर इतनी बड़ी क्षति का सामना नहीं करना पड़ा था। साइबेरिया जैसी रणनीतिक जगह पर हमला रूस के आत्मविश्वास को झटका दे सकता है।
अब आगे क्या?
रूस अब इस हमले के बाद अपने एयर डिफेंस सिस्टम को रिव्यू करेगा। वहीं, यूक्रेन ने दिखा दिया है कि वह सिर्फ रक्षा नहीं, आक्रमण की रणनीति भी अपना सकता है। इसके साथ ही पश्चिमी देशों पर अब यह दबाव होगा कि वे यूक्रेन को केवल हथियार नहीं, बल्कि रणनीतिक और खुफिया सहायता भी दें।
a href=”https://whatsapp.com/channel/0029VarmcWp8aKvBpESA1D0K” target=”_blank” style=”text-decoration: none;”>