US Stops Weapons अमेरिका ने यूक्रेन की हथियार सप्लाई रोकी, ट्रंप के हाथ खींचते ही रूस बोला- अब उलटी गिनती शुरू!

यूक्रेन को लेकर अमेरिका की नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बाइडन प्रशासन की हथियार सहायता नीति के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव में आते ही अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई रोक दी है। इस फैसले के तुरंत बाद रूस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि अब उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह घटनाक्रम न केवल पूर्वी यूरोप में तनाव बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक रणनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।

रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से युद्ध चल रहा है. इस बीच अमेरिका से एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर पुतिन खुश हो गए हैं. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने अपने हथियारों के जखीरे की कमी के चलते यूक्रेन को भेजी जा रही मिसाइलों और हथियार की खेप पर अचानक रोक लगा दी है. ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब रूस ने जून में रिकॉर्ड 5,337 ड्रोन यूक्रेन पर दागे हैं. यह एक महीने में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है. अमेरिका की इस ‘स्टॉक चेक’ नीति के चलते यूक्रेन को पेट्रियट मिसाइलें, स्टिंगर सिस्टम्स, हेलफायर मिसाइलें, और F-16 से छोड़ी जाने वाली AIM मिसाइलें फिलहाल नहीं मिलेंगी. क्रेमलिन ने बुधवार को इस फैसले का स्वागत किया. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, ‘यूक्रेन को जितने कम हथियार दिए जाएंगे, युद्ध उतना ही खत्म होने के करीब होगा.’

वाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी एना केली ने बयान जारी कर कहा, ‘यह फैसला अमेरिका की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर लिया गया है. हमारी फौज की ताकत आज भी अडिग है. विश्वास न हो तो ईरान से पूछ लीजिए.’ लेकिन दूसरी ओर यूक्रेन की हालत बेहद नाज़ुक हो चली है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा, ‘हम अमेरिका से हर स्तर पर बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि हमें एयर डिफेंस की सख्त जरूरत है.’
यूक्रेन को लगा दूसरा झटका

एक तरफ अमेरिका ने हथियारों की सप्लाई रोकी है तो दूसरी तरफ यूक्रेन को दूसरा झटका भी लगा है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया अब रूस को 30,000 और सैनिक भेजने की तैयारी में है. ये संख्या पिछले साल भेजे गए सैनिकों से तीन गुना ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों में बड़े हमलों में हिस्सा लेंगे.
कूटनीति गरम, मोर्चा सुलग रहा है
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच विश्वास में दरार दिखने लगी है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राजनयिक को बुलाकर सख्त संदेश दिया कि अगर ‘हथियारों की सप्लाई में देरी रूस को और हौसला देगी.’ यूक्रेन ने कहा कि उसने कीव में कार्यवाहक अमेरिकी दूत को बुलाया था. नाटो प्रमुख मार्क रूटे ने भी अमेरिका की चिंताओं को समझने की बात तो कही, लेकिन साफ कहा कि ‘यूक्रेन को अभी पूरी मदद की जरूरत है.’