मैक्वेरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन द्वारा हाल ही में शुरू की गई प्रोत्साहन योजनाएं निवेशकों को आकर्षित कर सकती हैं। इन पहलियों से चीनी शेयर बाजार को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे निवेशक प्रॉफिट कमाने के लिए चीन की ओर रुख कर सकते हैं।
ग्लोबल सेल-ऑफ का असर भारतीय शेयर बाजार पर
दुनियाभर के बाजार इस समय ग्लोबल सेल-ऑफ का सामना कर रहे हैं, और इसका प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी देखा जा सकता है। भारतीय शेयर बाजार हाल के दिनों में भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं, और इसने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक जारी रहती है, तो निवेशकों को प्रॉफिट के नए अवसरों की तलाश करनी होगी।
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चीन के शेयर बाजार में संभावनाएं और चिंताएं
मैक्वेरी के अनुसार, अगर चीन द्वारा और अधिक प्रोत्साहन घोषणाएं की जाती हैं, तो चीनी शेयर बाजारों में उछाल देखा जा सकता है। हालांकि, इसके साथ कुछ चिंताएं भी हैं, जैसे कि चीन की आर्थिक नीतियों की स्थिरता और बाजार के लंबे समय तक टिके रहने की संभावना। इसलिए, निवेशकों को ध्यान रखना होगा कि यह उछाल अल्पकालिक हो सकता है।
लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत बना रहेगा फेवरेट
लेकिन, मैक्वेरी की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा। भारत की स्थिर आर्थिक नीतियां, बेहतर ग्रोथ पोटेंशियल, और मजबूत डोमेस्टिक फ्लो इसे निवेशकों के लिए दीर्घकालिक पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं।
अगर निवेशक लॉन्ग टर्म में स्थिरता की तलाश कर रहे हैं, तो भारत उनकी पहली पसंद बना रहेगा।
भारतीय बाजारों में डोमेस्टिक फ्लो की मजबूती
मैक्वेरी ने यह भी बताया कि भारतीय शेयर बाजारों में डोमेस्टिक फ्लो के कारण अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। लेकिन, अगर इकोनॉमिक ग्रोथ कमजोर रहती है और शेयर वैल्यूएशन उच्च स्तर पर बने रहते हैं, तो भारतीय बाजार को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
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