ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर के हमलों में इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी थीं, जिससे मिडिल-ईस्ट में तनाव और अस्थिरता बढ़ी। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने आरोप लगाया कि ईरान मिडिल-ईस्ट में प्रॉक्सी के जरिए आतंकवादी गतिविधियों को फंड कर रहा है और क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज का ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला
शनिवार को इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर जोरदार हमला किया। आईडीएफ ने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने तनाव बढ़ाने की कोशिश की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस जवाबी कार्रवाई के बाद, ईरान, सीरिया और इराक ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, जिससे इस क्षेत्र में विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं।
तीन चरणों में हुई इजरायली वायुसेना की कार्रवाई
आईडीएफ के अनुसार, शनिवार सुबह इजरायली वायुसेना (आईएएफ) ने तीन चरणों में यह हमला किया। यह हमला 1 अक्टूबर को तेहरान द्वारा किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब था। आईडीएफ ने कहा कि उनका मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और सभी विमान सुरक्षित लौट आए हैं।

इजरायल की चेतावनी: गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने बयान जारी करते हुए कहा कि जो लोग इजरायल को धमकी देते हैं और मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उनका यह ऑपरेशन इजरायल और उसके नागरिकों की रक्षा के प्रति उनकी आक्रामक और रक्षात्मक क्षमता को दर्शाता है।
मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग साइट्स और ईरानी मिसाइलें बनीं निशाना
खुफिया जानकारी के आधार पर इजरायली वायुसेना ने ईरान में उन मैन्युफैक्चरिंग साइट्स पर हमला किया, जहां इजरायल पर दागी गई मिसाइलें बनाई जा रही थीं। इस हमले का उद्देश्य उन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को नष्ट करना था, जो ईरानी एयरस्पेस में इजरायल की ऑपरेशनल फ्रीडम को सीमित कर रही थीं।
एंटनी ब्लिंकन की अपील के बावजूद हुई कार्रवाई
यह हमला अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के मध्य-पूर्व दौरे से लौटने के बाद हुआ है। उन्होंने इजरायली अधिकारियों से संघर्ष बढ़ाने से बचने की अपील की थी।